फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा महल - Samod Ka Mahal

फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा महल - Samod Ka Mahal, इसमें चौमूँ के पास ऐतिहासिक सामोद कस्बे में मौजूद शानदार महल के बारे में जानकारी दी गई है।

Samod Ka Mahal

{tocify} $title={Table of Contents}

जयपुर के आस पास अरावली की पहाड़ियों में जगह-जगह पर स्थित किले, हवेलियाँ, बावड़ियाँ और प्राचीरें इतिहास में दर्ज आमेर रियासत की याद ताजा करा देती है।

किसी समय इसी रियासत का एक हिस्सा हुआ करता था सामोद ठिकाना। सामोद कस्बा चौमूँ नीमकाथाना मार्ग पर स्थित है एवं इस कस्बे की जयपुर से दूरी लगभग 42 किलोमीटर है। यह कस्बा एक परकोटे के द्वारा आज भी सुरक्षित है।

यह कस्बा अपनी ऐतिहासिक धरोहरों एवं संस्कृति के कारण सम्पूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ पर भव्य सामोद महल, सामोद बाग एवं दो पुराने किले भी स्थित है। आज हम सामोद के प्रसिद्ध सामोद महल का भ्रमण करते हैं।

सामोद कस्बे में प्रवेश करते ही हमें किसी ऐतिहासिक कस्बे में प्रवेश करने का अहसास होने लग जाता है। सामोद महल के परकोटे के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर घुमावदार मोड़ को पार करने पर महल परिसर का मुख्य द्वार आता है।

मुख्य द्वार से अन्दर जाने पर महल परिसर शुरू होता है। मुख्य महल परिसर कई चौक की बहुमंजिला बड़ी हवेली के रूप में है। प्रत्येक चौक के चारों तरफ बहुमंजिला निर्माण है जिसमें गलियारे एवं कक्ष बने हुए हैं।

तीन चौक के पश्चात भव्य शीश महल बना हुआ है। वर्तमान में जो सामोद महल है उसका निर्माण 1550 ईस्वी में सामोद कस्बे की स्थापना के समय ही हुआ था।

शुरुआती वर्षों में यह महल एक किले के रूप में ही हुआ करता था जिसे कालांतर में हवेलीनुमा महल में तबदील कर दिया गया।

इस किले के निर्माण की शुरुआत आमेर रियासत के कछवाहा राजा पृथ्वीराज सिंह (प्रथम) के पुत्र रावल श्योसिंह ने की थी। ऐसा बताया जाता है कि श्योसिंह ही सामोद ठिकाने के प्रथम रावल थे।

सामोद महल के निर्माण में महारावल उपाधि वाले बिहारीदास का भी बड़ा योगदान था। इस तरह से इस किले के निर्माण में कई राजाओं का योगदान है।


उन्नीसवीं शताब्दी में रावल बेरीसाल ने इसे किले की जगह एक शानदार महल के रूप में परिवर्तित करवा दिया।

रावल बेरीसाल के बाद में रावल श्योसिंह ने महल का विस्तार करवाकर इसमें दरबार हाल, गलियारा और शीश महल का निर्माण करवाया।

महल के इस विस्तार ने इसकी भव्यता में चार चाँद लगा दिए। दरबार हाल में जहाँ हाथों से बनी हुई पेंटिंग्स हैं वहीं शीश महल में शीशे की भव्य नक्काशी है।

महल के शिल्प विन्यास में जगह-जगह राजपूती एवं मुगल वास्तुकला का नायाब संगम है। महल में जगह-जगह भित्ति चित्र बने हुए हैं जिनमें से अधिकांश दो सौ वर्षों से भी प्राचीन बताए जाते हैं।

शीश महल इतनी अधिक भव्यता लिए हुए है कि इसमें प्रवेश करने के बाद हर कोई इसे अपलक निहारता रहता है। इसकी छत, सभी स्तम्भ एवं दीवारों पर काँच की सुन्दर नक्काशी उकेरी गई है।

महल के पास ही पहाड़ पर पुराना किला बना हुआ है। कहते हैं कि इस महल से एक गुप्त रास्ता उस किले तक जाता है।

ऊपर किले तक जाने के लिए लगभग तीन सौ सीढ़ियाँ बनी हुई है। किले के आगे यह रास्ता वीर हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर तक जाता है।

वर्ष 1987 में इस महल को एक हेरिटेज होटल में तबदील कर दिया गया जिसकी वजह से इसकी देख रेख और अच्छी तरह से होने लगी।

आज सामोद महल की भव्यता को निहारने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी काफी पर्यटक आते रहते हैं।

चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा यह महल फिल्मों की शूटिंग के लिए एक प्राकृतिक लोकेशन के रूप में काफी पसंद किया जाता है।

यहाँ पर कई हॉलीवुड एवं बॉलीवुड की कई फिल्मों सहित अनेक विज्ञापन, धारावाहिक, रियलिटी शो एवं डाक्यूमेंट्री की शूटिंग हो चुकी है।

यहाँ पर शूट हुई फिल्मों में अमर सिंह राठौड़, गौरा काला, तुम्हारे लिए, बंटवारा, ऐलान-ए-जंग, औजार, सोल्जर, कर्ण अर्जुन, कोयला आदि शामिल हैं।

अगर आप पर्यटन के शौकीन हैं तो आपको सामोद कस्बे में आकर यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरों के साथ-साथ प्राकृतिक नजारों को अवश्य देखना चाहिए।

सामोद महल की मैप लोकेशन - Map Location of Samode Palace



सामोद महल का वीडियो - Video of Samode Palace



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें (Connect With Us on Social Media)

घूमने की जगहों की जानकारी के लिए हमारा व्हाट्सएप चैनल फॉलो करें
घूमने की जगहों की जानकारी के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इस जानकारी को विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से लिया गया है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I love to see old historical monuments closely, learn about their history and stay close to nature. Whenever I get a chance, I leave home to meet them. The monuments that I like to see include ancient forts, palaces, stepwells, temples, chhatris, mountains, lakes, rivers etc. I also share with you the monuments that I see through blogs and videos so that you can also benefit a little from my experience.

Post a Comment

Previous Post Next Post