धर्मराज युधिष्ठिर ने स्थापित किया माता का मंदिर - Shakambhari Mata Mandir Sakrai

धर्मराज युधिष्ठिर ने स्थापित किया माता का मंदिर - Shakambhari Mata Mandir Sakrai, इसमें सकराय के चमत्कारी शाकंभरी माता मंदिर की जानकारी दी गई है।

Shakambhari Mata Mandir Sakrai

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देश में शाकम्भरी माता की तीन शक्तिपीठ हैं जिनमें एक सीकर जिले के सकराय गाँव में दूसरी सांभर जिले के समीप शाकम्भर नामक जगह पर एवं तीसरी उत्तरप्रदेश के मेरठ के पास सहारनपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

आज हम सीकर जिले के सकराय गाँव में स्थित माता शाकम्भरी शक्तिपीठ के बारे में बात करेंगे। प्राचीन समय से ही इस शक्तिपीठ पर नाथ संप्रदाय का वर्चस्व रहा है।

शाकम्भरी माता का निवास होने की वजह से यह स्थान आस्था का बड़ा केंद्र है। शाकम्भरी माता का भव्य मंदिर होने के कारण इस गाँव को सकराय धाम के रूप में जाना जाता है। शाकम्भरी माता को शाक यानी वनस्पति की देवी माना जाता है।

चारों तरफ से मालकेतु पर्वत की पहाड़ियों से घिरा हुआ यह स्थान आम्र कुंज के साथ-साथ बड़े-बड़े पेड़ एवं बहते पानी की वजह से एक दर्शनीय स्थल भी है।

बारिश के मौसम में इस स्थान का प्राकृतिक सौन्दर्य निखर उठता है और यह स्थान धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक पर्यटक स्थल में बदल जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के पश्चात जब पांडव गौत्र हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए लोहार्गल आए थे तब वे मालकेतु की इन पहाड़ियों में भी रुके थे।

उस समय धर्मराज युधिष्ठिर ने शर्करा (शंकरा) माता की स्थापना की थी। आज इस स्थान को शाकम्भरी धाम के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहाँ इंद्र देव ने तपस्या की थी।

मंदिर परिसर काफी बड़ा है जिसमें श्रद्धालुओं के भोजन एवं आवास की भी व्यवस्था है। मुख्य दरवाजे से अन्दर प्रवेश करने पर मंदिर दिखाई देता है।

विशाल सभामंडप एवं उच्च शिखर युक्त मंदिर काफी भव्य एवं प्राचीन है। सभामंड़प की छत पर काँच की सुन्दर कारीगरी दिखाई देती है।


गर्भगृह के दरवाजों के साथ-साथ इसके बाह्य एवं आंतरिक भाग में चाँदी जड़ित नक्काशी के साथ-साथ कई देव प्रतिमाएँ उत्कीर्ण हैं। गर्भगृह में माता शाकम्भरी अपने ब्रम्हाणी एवं रुद्राणी नामक दो रूपों में विराजमान है। माता की ये मूर्तियाँ काफी मनमोहक है।

मंदिर के सामने के दरवाजे से बाहर जाने पर कुछ कुंड बने हुए है। पहले ये कुंड पूरे वर्ष भर पानी से भरे रहते थे परन्तु अब इनमें बारिश के मौसम में ही पानी आता है।

इन कुंडों का जल लोहार्गल के सूर्य कुंड के जल के समान ही पवित्र माना जाता है क्योंकि इनमें आने वाली जलधारा को भी लोहार्गल के जल की भाँति भगवान विष्णु के क्षीरसागर का अंश माना गया है।

शिलालेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में हुआ था जिसमें धूसर तथा धर्कट वंशीय खंडेलवाल वैश्यों ने धन इकट्ठा कर लगाया था।

यहीं पर प्राप्त एक शिलालेख से आदित्य नाग द्वारा खंडेला में एक अर्द्धनारीश्वर का मंदिर बनाए जाने की जानकारी भी मिलती है।

इस मंदिर को खंडेलवाल वैश्यों की कुलदेवी के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। आसपास अन्य दर्शनीय स्थलों में जटाशंकर मंदिर एवं आत्ममुनि आश्रम मौजूद है।

नवरात्रि के समय इस स्थान का महत्व काफी बढ़ जाता है। इन दिनों जात, जुड़ूला उतारने के साथ-साथ दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लग जाती है।

शाकंभरी माता मंदिर कैसे जाएँ? - How to reach Shakambhari Mata Mandir?


माता के मंदिर तक जाने के लिए सुलभ मार्ग उदयपुरवाटी से होकर गुजरता है। उदयपुरवाटी में स्थित शाकम्भरी गेट से मन्दिर की दूरी लगभग पंद्रह किलोमीटर है। सीकर रेलवे स्टेशन से यहाँ की दूरी लगभग पचास किलोमीटर है।

बारिश के मौसम में इस रास्ते में जगह-जगह शंकर गंगा (शक्रगंगा) नदी का सामना करना पड़ता है। इस नदी की शुरुआत उदयपुरवाटी से ही हो जाती है जो सकराय धाम तक मिलती रहती है।

बीच में कोट गाँव में एक बाँध आता है जिसे कोट बाँध के नाम से जाना जाता है। बारिश के मौसम में यह बाँध छलक उठता है।

जयपुर-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 52 पर स्थित त्रिलोकपुरा एवं गोरिया गाँव से भी यहाँ पर आया जा सकता है। गोरिया से यहाँ की दूरी लगभग पच्चीस किलोमीटर है।

पहाड़ों के बीच से गुजारने वाली इस 22 किलोमीटर लम्बी सड़क को वर्ष 2005-06 में बनाया गया था। कालाखेत से शाकंभरी तक का 6 किलोमीटर लम्बा सर्पिलाकार हिस्सा पहाड़ों को काटकर बनाया गया। इस सड़क पर कुल 22 मोड़ आते हैं

अमूमन लोग इस रास्ते से नहीं जाते हैं क्योंकि यह रास्ता पहाड़ियों के बीच से गुजरता है एवं थोड़ा दुर्गम है।

अगर आप धार्मिक स्थल के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों के रमणीक स्थलों को देखने के शौक़ीन हैं तो आपको एक बार इस स्थान पर अवश्य जाना चाहिए।

शाकंभरी माता मंदिर की मैप लोकेशन - Map Location of Shakambhari Mata Mandir



शाकंभरी माता मंदिर का वीडियो - Video of Shakambhari Mata Mandir



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

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